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Category: News

बलिदानी चंद्रशेखर आजाद को पुष्पांजलि

 दिनांक २८ जुलाई दिन रविवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क ,सिविल लाइंस में राष्ट्रीय कवि संगम की प्रयागराज इकाई की मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री के पी गिरी जी एवं मुख्य अतिथि के रूप में ओज कवि एवं राष्ट्रीय कवि संगम से काशी प्रांत के अध्यक्ष श्री अटल नारायण की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन यमुनापार इकाई के ज़िलाअध्यक्ष श्री निखिलेश मालवीय ने किया। 

इस अवसर पर अटल नारायण ने श्री हंसराज हंस को यमुनपार इकाई का संरक्षक, कवि श्री अरुण कुमार पाण्डेय को यमुनापार इकाई का ज़िलामंत्री एवं सौरभ श्री को प्रयागराज इकाई का ज़िलामंत्री तथा घोषित कर उन्हें अंग वस्त्र से सम्मानित किया। 

कविताओं का प्रारंभ कवयित्री श्रीमती अनामिका तिवारी ने सरस्वती वंदना से किया। तत्पश्चात कवि श्री अरुण कुमार पाण्डेय “किशोर” ने अपनी कविताओं “मन की बात” एवं वीर रस को कविता “कारगिल गाथा” को गाकर वातावरण देशभक्ति से ओत प्रोत कर दिया। इसके पश्चात कवि श्री सौरभ की कविता “भारतवर्ष” , कवि श्री हंसराज हंस के हिंदी पर दोहे के सराहनीय गायन प्रस्तुत किए। 

कवयित्री श्रीमती अनामिका तिवारी की रानी लक्ष्मी बाई पर कविता एवं कवि श्री के पी गिरि की सामाजिक कविता के पश्चात अन्त में मुख्य अतिथि अटल नारायण ने राष्ट्रीय कवि संगम के उद्देश्य एवं कार्य पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात भक्ति एवं देशभक्ति पर अनेकों छंद गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

कार्यक्रम का संचालन कर रहे कवि श्री निखिलेश मालवीय ने बीच बीच में अपनी विभिन्न वीर रस की कविताओं से सभी का मन मोह लिया।

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नई दिल्ली में कवि सम्मेलन के कुछ दृश्य !

आदरणीय जगदीश मित्तल जी एवं साध्वी समाहिता जी के संयोजन में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के बड़े नामचीन कवियों का काव्य पाठ हुआ। जिसमें पद्मश्री सुनील जोगी जी, सौम्या जी आदि लोग उपस्थित थे।

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ऐसा वीर कौन है : अटल नारायण 

देश के उत्थान में जो,भारती की आन में जो स्वार्थ को मिटा सके वो,ऐसा वीर कौन है 

राष्ट्र द्रोहियों के शीश, हरे बन के फणीश खुद विषपान करे,ऐसा वीर कौन है

त्यागकर भेदभाव, रंग रूप का प्रभाव बढ़ा सके समानता, ऐसा वीर कौन है

विश्व के पटल पर, ध्वज को पकड़ कर बोले वंदे मातरम्, ऐसा वीर कौन है 

 

जीन्दगी की राह पर, काल के प्रवाह पर सत्य पे अडिग रहे, ऐसा वीर कौन है

प्रेम में समर में भी, काल की डगर में भी चल सके सदा भला, ऐसा वीर कौन है

पाप पुण्य तौल कर, रक्त कहे खौल कर बहा सके जो देश पे, ऐसा वीर कौन है

थाल में सजाके शीश, मान करके आशीष पग में चढ़ा दे माँ के, ऐसा वीर कौन है

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कलम 

कलम उठाया सोच के मन में

उगलेगी ये प्यार

पापियों को देख देख कर 

बन गयी ये तलवार

बन गयी ये तलवार 

वार न जाये खाली

इसीलिए तलवार छोड़

फिर कलम उठा ली 

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