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स्वीकार है, स्वीकार है

स्वीकार है, स्वीकार है

हमें धर्मपथ स्वीकार है
माँ भारती की अर्चना में 
हम सदा तैयार हैं

चाहे सुमनमय यह डगर हो
या कंटको से हो भरी
हमने भी माता भारती की
ज्ञानमय वीणा सुनी
उस परम ज्योति किरण से
ज्योतिर्मय उदगार है

स्वीकार है स्वीकार है

atalnarayan

Published inPoetry