ऐसा वीर कौन है : अटल नारायण
देश के उत्थान में जो,भारती की आन में जो स्वार्थ को मिटा सके वो,ऐसा वीर कौन है
राष्ट्र द्रोहियों के शीश, हरे बन के फणीश खुद विषपान करे,ऐसा वीर कौन है
त्यागकर भेदभाव, रंग रूप का प्रभाव बढ़ा सके समानता, ऐसा वीर कौन है
विश्व के पटल पर, ध्वज को पकड़ कर बोले वंदे मातरम्, ऐसा वीर कौन है
जीन्दगी की राह पर, काल के प्रवाह पर सत्य पे अडिग रहे, ऐसा वीर कौन है
प्रेम में समर में भी, काल की डगर में भी चल सके सदा भला, ऐसा वीर कौन है
पाप पुण्य तौल कर, रक्त कहे खौल कर बहा सके जो देश पे, ऐसा वीर कौन है
थाल में सजाके शीश, मान करके आशीष पग में चढ़ा दे माँ के, ऐसा वीर कौन है